Saturday, 25 April 2020

सामान्य अध्ययन-During Covid-19 CoronaVirus

राष्ट्रीय बायोफर्मा मिशन - National Biopharma Mission(NBM)

NBM देश के बायोफार्मास्यूटिकल क्षेत्र के विकास हेतु एक उद्योग-अकादमिक सहयोग मिशन (Industry-Academia Collaborative Mission) है।
इस मिशन के तहत सरकार ने बायोफार्मास्यूटिकल क्षेत्र में उद्यमिता और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने हेतु एक सक्षम तंत्र बनाने के लिये नवाचार-3 (i3) कार्यक्रम प्रारंभ किया है।
इस मिशन का कार्यान्वयन जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (Biotechnology Industry Research Assistance Council-BIRAC) द्वारा किया जाता है।
BIRAC एक प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट (Program Management Unit-PMU)’ के माध्यम से इस मिशन का संचालन करती है।
मिशन की गतिविधियों का निरीक्षण जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology-DBT) के सचिव की अध्यक्षता वाली अंतर-मंत्रालय संचालन समिति द्वारा किया जाता है।
तकनीकी सलाहकार समूह (Technical Advisory Group-TAG) वैज्ञानिक प्रगति की स्वीकृति के साथ ही उसकी समीक्षा करता है।
किफायती उत्पादों का विकास:
  • सार्वजनिक और निजी संस्थानों, शोधकर्त्ताओं, स्टार्टअप कंपनियों तथा उद्यमियों की मदद से भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य ज़रूरतों की पूर्ति करने हेतु सस्ते एवं सुलभ बायोफार्मास्यूटिकल (टीका, बायोसिमिलर्स-Biosimilars और चिकित्सा संबंधी उपकरण) का विकास करना।
  • हैजा, इन्फ्लूएंज़ा, डेंगू, चिकनगुनिया और न्यूमोकोकल बीमारी हेतु टीके का विकास करना।
  • मधुमेह, सोरायसिस, आपातकालीन स्थिति और ऑन्कोलॉजी हेतु बायोसिमिलर्स उत्पाद का विकास करना।
  • डायलिसिस, एमआरआई और आणविक जीवविज्ञान उपकरणों के लिये मेडटेक उपकरण (MedTech Devices)  का विकास करना।
साझा बुनियादी ढाँचे की स्थापना और उसे मज़बूती प्रदान करना:
  • मौजूदा साझा बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना।
  • तकनीकी विकास हेतु सहभागिता को बढ़ावा देना।
  • साझा बुनियादी ढाँचे का अभ्युत्थान एवं उसे उत्पाद की खोज एवं विनिर्माण के केंद्र के रूप में स्थापित करना।
  • 15 साझा बुनियादी ढाँचों का वित्तपोषण किया गया है, जो इस प्रकार हैं-
बायोफार्मास्यूटिकल विकास- 7 मेडटेक उपकरण- 6 टीकाकरण- 2
ज्ञान और प्रबंधन कौशल को मज़बूत करना:
  • इस मिशन का उद्देश्य मौजूदा एवं अगली पीढ़ी में अनुशासनात्मक कौशल का विकास करना है।
  • उत्पाद विकास, बौद्धिक संपदा पंजीकरण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और नियामक मानकों जैसे क्षेत्रों में उत्पाद के विकास हेतु नई जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों को महत्त्वपूर्ण कौशल के लिये विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदान करना भी इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य है।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का विकास करना:
  • टेक्नोलॉजी हस्तांतरण कार्यालयों की स्थापना करना।
  • टेक्नोलॉजी हस्तांतरण और बौद्धिक संपदा के प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण देना।
  • टेक्नोलॉजी के अधिग्रहण हेतु सहायता प्रदान करना।
  • शैक्षणिक क्षेत्र संबंधी उद्योगों को बढ़ाने में मदद करना एवं टेक्नोलॉजी के माध्यम से उत्पादों के विकास हेतु शिक्षाविदों, नवप्रवर्तकों और उद्यमियों को अवसर प्रदान करना।

Friday, 24 April 2020

कोरोना Covid-19 ट्रैकर “आरोग्य सेतु ऐप”



सरकार ने ब्लूटूथ आधरित Covid-19 ट्रैकर “आरोग्य सेतु ऐप” लंच किया है यह ऐप अपने आस-पास के लोगों पर नजर रखती है , इस ऐप को इंस्टॉल करने के बाद इसमें अपनी जानकारी सही-सही भरना होता है  भरने के बाद यह Activate हो जाता है, यह ऐप कोरोना वायरस का अपडेटेड देता रहता है|
कोरोना ट्रैकिंग एप आरोग्य सेतु का कैसे इस्तेमाल करें?
आरोग्य सेतु एप के लॉन्च होने के कुछ ही समय में दो करोड़ से अधिक लोगों ने इसे डाउनलोड किया है. सरकार का यह एप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में मदद करता है. एंड्रॉयड और आईफोन दोनों तरह के स्‍मार्टफोन पर इसे डाउनलोड किया जा सकता है. यह खास एप आसपास मौजूद कोरोना पॉजिटिव लोगों के बारे में पता लगाने में मदद करेगा. आपके मोबाइल के ब्लूटूथ, स्थान और मोबाइल नंबर का उपयोग करके ऐसा किया जाता है. आइए, देखते हैं कि आरोग्‍य सेतु एप का इस्‍तेमाल कैसे करना है...
https://play.google.com/store/apps/details?id=nic.goi.aarogyasetu

आरोग्य सेतु एप एंड्रॉयड और आईओएस दोनों पर उपलब्ध है. इसे एप स्टोर के जरिये डाउनलोड किया जा सकता है. सुनिश्चित करें कि आरोग्‍य (Aarogya) और सेतु (Setu) के बीच कोई स्थान नहीं हो या फिर एप खोजने के लिए सर्च बार में 'AarogyaSetu' टाइप करें. हमने नीचे लिंक भी दिए हैं:
एंड्रॉयड : https://play.google.com/store/apps/details?id=nic.goi.aarogyasetu

आईओएस : https://apps.apple.com/in/app/aarogyasetu/id1505825357






अंग्रेजी और हिंदी समेत आरोग्‍य सेतु एप 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्‍ध है. इंस्‍टॉल करने के बाद एप को खोलें और अपनी पसंदीदा भाषा को चुनें
 




 नया पेज खुलेगा

इनफॉर्मेशन पेज को ध्‍यान से पढ़ें और 'रजिस्‍टर नाउ' बटन पर टैप करें





अब ब्‍लूटूथ आन करे 
  
आरोग्‍य सेतु एप को ब्‍लूटूथ और जीपीएस डेटा की जरूरत पड़ेगी. एप को काम करने के लिए इसकी अनुमति दें. आरोग्य सेतु कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग के लिए आपके मोबाइल नंबर, ब्लूटूथ और लोकेशन डेटा का उपयोग करता है और बताता है कि आप कोरोना के जोखिम के दायरे में है या नहीं.






अपने फोन को रजिस्‍टर करें  

एप तभी काम करता है जब आप अपने मोबाइल नंबर को रजिस्‍टर करते हैं और ओटीपी से उसे वेरिफाई करते हैं. एक वैकल्पिक फॉर्म भी आता है जो नाम, उम्र, पेशा और पिछले 30 दिनों के दौरान विदेश यात्रा के बारे में पूछता है 




आप इस फॉर्म को स्किप कर सकते हैं. हालांकि, अगर आप जरूरत के समय में वॉलेंटियर यानी स्वयंसेवक बनने की इच्छा रखते हैं तो आपके पास खुद को इसमें नामांकित करने का विकल्प है. 


एप हरे और पीले रंग के कोडों में आपके जोखिम के स्‍तर को दिखाता है. यह भी सुझाव देता है कि आपको क्‍या करना चाहिए. अगर आपको ग्रीन में दिखाया जाता है और बताया जाता है कि 'आप सुरक्षित हैं' तो कोई खतरा नहीं है. कोरोना से बचने के लिए आपको सोशल डिस्‍टेंसिंग को बनाए रखना चाहिए और घर पर रहना चाहिए. 





पीला रंग खतरे की घंंटी 


अगर आपको पीले रंग में दिखाया जाता है और टेक्‍स्‍ट बताता है कि 'आपको बहुत जोखिम है' तो आपको हेल्‍पलाइन में संपर्क करना चाहिए.






अपना आंकलन भी दे सकते हैं


आरोग्‍य सेतु एप पर आप 'सेल्‍फ एसेसमेंट टेस्‍ट' फीचर का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. इस फीचर का इस्‍तेमाल करने के लिए ऑप्‍शन पर क्लिक करें और फिर एप चैट विंडो खोल देगा. इसमें यूजर की सेहत और लक्षण से जुड़े कुछ सवाल किए जाएंगे. 







हेल्‍पलाइन नंबर का भी पता लगा सकते हैं 









COVID-19 - Research Consortium (COVID-19 रिसर्च कंसोर्टियम)


20 अप्रैल, 2020 को जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology) और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (Biotechnology Industry Research Assistance Council) ने COVID-19 रिसर्च कंसोर्टियम के लिये प्राप्त आवेदनों के आधार पर बहु-स्तरीय समीक्षा प्रक्रिया जारी रखने और उपकरणों, नैदानिक, वैक्सीन बनाने वालों, चिकित्सीय और अन्य हस्तक्षेपों से जुड़े 16 प्रस्तावों के लिये वित्तपोषण की सिफारिश की है। 

कुछ जानने योग्य बातें:


  • COVID-19 रिसर्च कंसोर्टियम के लिये आवेदन का पहला चरण 30 मार्च, 2020 को समाप्त हुआ और शिक्षा एवं उद्योग जगत से लगभग 500 आवेदन प्राप्त हुए थे।
  •  COVID-19 से निपटने हेतु वैक्सीन तैयार करने के लिये विभिन्न प्लेटफाॅर्मों का उपयोग करने वाले प्रस्तावों तथा ऐसे प्रस्ताव जो वैक्सीन विकास के विभिन्न चरणों में हैं, पर त्वरित निर्णय सुनिश्चित के लिये रिसर्च कंसोर्टियम के माध्यम से एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। इन प्रस्तावों को राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (National Biopharma Mission) के तहत वित्तपोषित किया जायेगा| 
  • इसके लिये दोनों श्रेणियों- उच्च जोखिम वाले समूहों की तत्काल सुरक्षा के लिये मौजूदा वैक्सीन के उद्देश्य का फिर से निर्धारण और नए वैक्सीन के विकास प्रस्तावों पर विचार किया गया था। 
  • नोवल कोरोनावायरस सार्स सीओवी–2 (SARS-CoV-2) के खिलाफ DNA वैक्सीन के विकास को आगे बढ़ाने के लिये कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड (Cadila Healthcare Ltd) को वित्तपोषण के समर्थन की सिफारिश की गई है। 
  • COVID-19 की वैक्सीन के लिये भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (Bharat Biotech International Ltd) की सिफारिश की गई है जो निष्क्रिय रेबीज़ वेक्टर प्लेटफॉर्म का उपयोग करेगा।
  • इसके अलावा, तीसरे चरण के लिये उच्च जोखिम वाले लोगों में पुनर्संयोजित BCG वैक्सीन (VPM1002) के मानव नैदानिक ​​परीक्षणों के अध्ययन के लिये सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Serum Institute of India Private Limited) की सिफारिश की गई है। 
  • नए वैक्सीन के विकास के मूल्यांकन की ज़िम्मेदारी निभाने वाली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजीसार्स सीओवी- 2 (SARS-CoV-2) के खिलाफ वैक्सीन विकास को समर्थन प्रदान करेगी। इस संस्थान को भी वित्तीय सहायता प्रदान करने की सिफारिश की गई है।
  • स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने तथा आण्विक (Molecular) एवं रैपिड डायग्नोस्टिक परीक्षण किटों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न कंपनियों जैसे- माईलैब डिस्कवरी सलूशन प्राइवेट लिमिटेड, ह्यूवेल लाइफसाइंसेज़, यूबायो बायो टेक्नोलॉजी सिस्टम्स  प्राइवेट लिमिटेड, धीति लाइफ साइंसेज़ प्राइवेट लिमिटेड, मैगजीनोम टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बिगटेक प्राइवेट लिमिटेड और याथुम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड, को वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।  
  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology), भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Science & Technology) के अंतर्गत आता है।   
  • जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (Biotechnology Industry Research Assistance Council), भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।

सामान्य अध्ययन-During Covid-19 CoronaVirus

राष्ट्रीय बायोफर्मा मिशन - National Biopharma Mission(NBM) NBM देश के बायोफार्मास्यूटिकल क्षेत्र के विकास हेतु एक उद्योग-अकादमिक सहयो...